एक भव्य भोज में, राजा का दरबार एक जंगली, कामुक दावत में फूट पड़ता है। लंपट रईसों ने अवरोधों को बहाया, जोशीले तवायफों की नजरों से भावुक मुठभेड़ों में लिप्त होकर, उनकी इच्छाओं को प्रज्वलित किया। यह बेलगाम आनंद की रात है, जहां हर कल्पना वास्तविकता बन जाती है।